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सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:। सर्वे भद्राणि पश्यन्तु। मा कश्चित् दु:खभाग भवेत् ।। |
सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें, सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें, किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े |
असन |
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अभ्यास के लिए प्रात:काल ला समय अत्युत्तम है । १२ से ६० साल के सभी स्त्री-पुरुष आसनें का अभ्यास कर सकते है । असन सदा भोजन से पहले, शौचादि से निवृत होकर खाली पेट ही करें । अस्वस्थ, गर्भिणी माहिलाओं को भी असन नही करना चाहिए । अभ्यास स्थल स्वच्छ, समतल, दुर्गन्ध रहित और निर्धूम हो । आसन करने के उपरान्त एक घण्टे तक किसी तरह का भोजन न करें । पुस्तकों से देखकर अभ्यास शुरू कर देना ठीक नहीं । किसी अनुभवी शिक्षक की देख-रेख में ही आसन प्राणायाम का अभ्यास शुरू करना चाहिए । अभ्यास के बाद १० मिनट के लिए शवासन जरूर करें |
30A/78 West Punjabi Bagh, New Delhi, India 110026, info@yoganiketan.org |